April 25, 2024
lohri festival in hindi

लोहड़ी 2022 के त्यौंहार पर दुल्ला-भट्टी की कहानी क्यों सुनी जाती हैं ? यह त्यौंहार क्यों मनाया जाता हैं ?

लोहड़ी के त्यौंहार को फसल की कटाई और बुआई को ध्यान में रखते हुए मनाया जाता हैं | इस त्यौंहार को मुख्यतः हरियाणा और पंजाब में मनाते हैं | इस पर्व को इन राज्यों में बहुत धूम-धाम से मनाते हैं | और इस दिन दुल्ला-भट्टी की कहानी क्यों सुनी जाती हैं ? इसके बारे में हम इस आर्टिकल में चर्चा करने वाले हैं |

 

इस बार 2022 में लोहड़ी का त्यौंहार को 13 जनवरी को मनाया जा रहा हैं | यह त्यौंहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता हैं | लोहड़ी के दिन लोग आग में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली का चढ़ावा करते हैं और इनको स्वयं भी खाते हैं | मकर संक्रान्ति की पूर्वसंध्या पर इस त्यौहार का उत्सव काफी धूम धाम से मनाते हैं | रात्रि में खुले स्थान में परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं।

 

लोहड़ी  के त्यौंहार पर दुल्ला-भट्टी की कहानी क्यों सुनी जाती हैं ?

 

इस दिन लोहड़ी के सामने सभो लोग बैठकर लोहड़ी  के त्यौंहार पर दुल्ला-भट्टी की कहानी सुनते हैं | इसका मुख्य कारण यह हैं , कि पहले मुगल काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी के नाम का कोई बड़ा व्यक्ति भारत के पंजाब राज्य में रहता था | उस वक्त पुराने जमाने में कुछ अमीर व्यापारी सामान की जगह लड़कियों को बेचा करते थे | तो दुल्ला-भट्टी ने उन लड़कियों की शादी करवाई थी | इस कारण इस त्यौंहार पर दुल्ला-भट्टी की कहानी सुनी जाती हैं | जोकि की एक पुराणी परम्परा हैं , दुल्ला भट्टी को सम्मान देने के लिए लोग आज भी उनको याद करते हैं |

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लोहड़ी  का त्यौंहार क्यों मनाता जाता हैं ?

 

हमने आपको पहले भी बताया था, कि लोहड़ी त्यौंहार फसल से सम्बन्धित हैं | इस दिन रात्रि में लोहड़ी जलाते है | क्योंकि इस दिन हरियाणा और पंजाब में फसल की पूजा करते हैं | इस दिन सभी लोग मिल-जुलकर इस त्यौंहार को मनाते हैं | जोकि की आग के पास डांस भी करते हैं |

 

इस दिन नव विवाहित जोड़े के बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं | क्योंकि इस दिन नई दुल्हन को ससुराल की तरफ से इनाम दिए जाते हैं | नये शिशु को भी कुछ उपहार दिए जाते हैं , और उनका स्वागत किया जाता हैं |

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